हिन्दू धर्म में विधवा औरत और विधुर मर्द को अपने जीवन साथी की मौत के बाद पुनर्विवाह करने से वेदों के आधार पर रोक और बिना दोबारा विवाह किये ही दोनों को `नियोग´ द्वारा सन्तान उत्पन्न करने की व्यवस्था है। एक विधवा स्त्री बच्चे पैदा करने के लिए वेदानुसार दस पुरूषों के साथ `नियोग´ कर सकती है और ऐसे ही एक विधुर मर्द भी दस स्त्रियों के साथ `नियोग´ कर सकता है। बल्कि यदि पति बच्चा पैदा करने के लायक़ न हो तो पत्नि अपने पति की इजाज़त से उसके जीते जी भी अन्य पुरूष से `नियोग´ कर सकती है। हिन्दू धर्म के झंडाबरदारों को इसमें कोई पाप नज़र नहीं आता।
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