Tuesday 30 August 2016

नियोगऔरत पर अत्याचार

नियोग’ क्या है ? ओरतो पर एक और अत्याचार... अगर किसी पुरुष की स्त्री मर गई है और उसके कोई संतान नहीं है तो वह पुरुष किसी नियुक्त विधवा स्त्री से यौन संबंध स्थापित कर संतान उत्पन्न कर सकता है। गर्भ स्थिति के निश्चय हो जाने पर नियुक्त स्त्री और पुरुष के संबंध खत्म हो जाएंगे और नियुक्ता स्त्री दो-तीन वर्ष तक लड़के का पालन करके नियुक्त पुरुष को दे देगी। ऐसे एक विधवा स्त्री दो अपने लिए और दो-दो चार अन्य पुरुषों के लिए अर्थात कुल 10 पुत्र उत्पन्न कर सकती है। (यहाँ यह स्पष्ट नहीं किया गया हैकि यदि कन्या उत्पन्न होती है तो नियोग की क्या ‘शर्ते रहेगी ?) इसीप्रकार एक विधुर दो अपने लिए और दो-दो चार अन्य विधवाओं के लिए पुत्र उत्पन्न कर सकता है। ऐसे मिलकर 10-10 संतानोत्पत्ति की आज्ञा वेद में है। इमां त्वमिन्द्र मीढ्वः सुपुत्रां सुभगां कृणु। दशास्यां पुत्राना धेहि पतिमेकादशं कृधि। (ऋग्वेद 10-85-45) भावार्थ ः ‘‘हे वीर्य सेचन हार ‘शक्तिशाली वर! तू इस विवाहित स्त्री या विधवा स्त्रियों को श्रेष्ठ पुत्र और सौभाग्य युक्त कर। इस विवाहित स्त्री से दस पुत्र उत्पन्न कर और ग्यारहवीं स्त्री को मान। हे स्त्री!. तू भी विवाहित पुरुष या नियुक्त पुरुषों से दस संतान उत्पन्न कर और ग्यारहवें पति को समझ।’’ (4-125) अगर किसी स्त्री का पति व्यापार आदि के लिए परदेश गया हो तो तीन वर्ष, विद्या के लिए गया हो तो छह वर्ष और अगर धर्म के लिए गया हो तो आठ वर्ष इंतजार कर वह स्त्री भी नियोग द्वारा संतान उत्पन्न कर सकती है। ऐसे ही कुछ नियम पुरुषों के लिए हैं कि अगर संतान न हो तो आठवें, संतान होकर मर जाए तो दसवें और कन्या ही हो तो ग्यारहवें वर्ष अन्य स्त्री से नियोग द्वारा संतान उत्पन्न कर सकता है। पुरुष अप्रिय बोलने वाली पत्नी को छोड़कर दूसरी स्त्री से नियोग का लाभ ले सकता है। ऐसा ही नियम स्त्री के लिए है। (4-145) विवाहित पुरुष कुंवारी कन्या से और विवाहित स्त्री कुंवारे पुरुष से नियोग नहीं कर सकती। क्या यह तर्क मूर्खतापूर्ण नहीं है ? आख़िर वह कैसा पतिव्रत धर्म है जो पुनर्विवाह करने से तो नष्ट और भ्रष्ट हो जाएगा और 10 गैर पुरुषों से यौन संबंध बनाने से सुरक्षित और निर्दोष रहेगा ? अगर किसी पुरुष की पत्नी जीवित है और किसी कारण पुरुष संतान उत्पन्न करने में असमर्थ है तो इसका मतलब यह तो हरगिज़ नहीं है कि उस पुरुष में काम इच्छा;ैमगनंस कमेपतम) नहीं है। अगर पुरुष के अन्दर काम इच्छा तो है मगर संतान उत्पन्न नहीं हो रही है और उसकी पत्नी संतान के लिए किसी अन्य पुरुष से नियोग करती है तो ऐसी स्थिति में पुरुष अपनी काम तृप्ति कहाँ और कैसे करेगा ?

Islam Noorehaq

7 comments:

  1. Bahot khub bhai 👌👍 Nanga Karo Aavara samaji O Ko ....

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  2. कई स्रोतों के अनुसार, मुहम्मद की कई पत्नियाँ और यौन-दासियाँ थीं मुहम्मद ने उसका उपभोग किया

    विभिन्न इस्लामिक स्रोतों के अनुसार, मुहम्मद की पत्नियों की निम्न सूची है। यह है
    यह संभव है कि यह संख्या अभी भी पत्नियों की वास्तविक संख्या से कम हो सकती है।
    1. खदीजा / खदीजा
    2. सौदा बिंट ज़मआ
    3. आइशा ’
    4. उम्म सलामा
    5. हफ़सा
    6. ज़ैनब बंट जहश (पैगंबर के दत्तक पुत्र जैद की पत्नी)
    7. जुवैरिया
    8. उम्म हबीबा
    9. सफ़िया
    10. मैमुना बिंत हरिथ
    11. फातिमा
    12. हिंद
    13. सना बिंट अस्मा '/ अल-नशत
    14. ज़ैनब बंट ख़ुजिमा
    15. Unknown women that have sex with muhammad but mentioned in kuran
    16. तलाकशुदा अस्मा का बिन्त नोमान
    17. तलाकशुदा मुल्लाह बिन दाउद
    18. तलाकशुदा अल-शानबा 'बिंट' अम्र
    19. तलाक-ए-आलियाह
    20. तलाकशुदा अमरा बिन्त यज़ीद
    21. तलाक एक औरत
    22. क़ुतुलाह बिंत क़ईस
    23. सना बिंट सूफियान
    24. शराफ बिन्त खलीफा
    उनके कुछ उपपत्नी / सेक्स-दास हैं: -
    25. मारिया द कॉप्ट ( ईसाई)
    26. रेहाना बंट ज़ैद
    27. उम्म शारिक / गज़ियाह बिन्ट जाबिर
    28. मैमुना
    29. ज़ैनब
    30. खावला बिन्त अल-हुदयाल

    Some popular sex worker of Muhammad
    ==Khadijah==
    ख़दीजा बिन्त ख्वैलिद / खुवेलाइद (555 - 619 ईस्वी) मुहम्मद की पहली पत्नी थी और दूर के चचेरे भाई बानी असद जनजाति से संबंधित हैं। वह चालीस साल की एक धनी महिला थी जिसने उसे चलाया
    खुद का व्यवसाय, और मुहम्मद के साथ उसका प्रेम संबंध एक विवादास्पद था जो लगभग समाप्त हो गया था

    ==आयशा==
    कभी आयशा के रूप में पहचाने जाने वाली आयशा, मुहम्मद की नौ साल की बाल-वधु थी। वह थी छह साल की उम्र में उनकी सगाई 50 साल की उम्र में हुई थी। वह अबू बकर की बेटी भी थीं ..मुहम्मद का दोस्त और भविष्य का खलीफा। वह मुहम्मद की "पसंदीदा पत्नी" बन गई। मुसलमानों का दावा है कि इसके विपरीत, आइशा मुहम्मद को उसके पिता द्वारा 'पेशकश' नहीं की गई थी। मुहम्मद जिन्होंने अबू बकर से संपर्क किया, और अबू बक्र ने मूल रूप से विरोध किया। हालाँकि, मुहम्मद अल्लाह से एक 'दैवीय' रहस्योद्घाटन के साथ अपने विकृति को उचित ठहराया, जो भी नष्ट हो जाता है
    एपोलॉजिस्ट सांस्कृतिक सापेक्षवाद की अपील करते हैं। ज़ैनब बंट जहश मुहम्मद का पहला चचेरा भाई था। भविष्यवक्ता ने प्रस्तावित किया कि वह अपने दत्तक पुत्र से विवाह करेगी

    ==Zayd ==
    नामक पांडुलिपि दास - शादी केवल 2 साल तक चली। मुहम्मद उसे एक के रूप में चाहते थे
    तलाक के बाद पत्नी और उससे शादी। (बाद में अल्लाह की ओर से अन्नया (33:37) की अनुमति दी गई
    संघ। इसके बाद इस्लाम के तहत गोद लेने की कानूनी स्थिति को मान्यता नहीं दी गई है।

    ==Safiyah==
    सफ़ियाह बिंट हुयय्य (610 - 670 ईस्वी) कियाना की दुल्हन यहूदी जनजातियों के प्रमुख थे । जब मुसलमानों ने खैबर पर आक्रमण किया और विजय प्राप्त की, तो लड़ाई करने वाले लोग थे..
    मारे गए और साफिया को बंदी बना लिया गया (बाकी महिलाओं और बच्चों के साथ) और के रूप में आवंटित किया गया
    दीया अल-कलबी को एक मुसलमान। उसके पिता और भाई मारे गए और उसके पति किना मुहम्मद के आदेश के तहत उसकी छाती पर आग जलाई गई ताकि उसकी खोज की जा सके जनजाति के खजाने की जगह छिपाना, और जब उसने इसका खुलासा किया, तो उसे मुसलमानों द्वारा सिर काट दिया गया। एक स्रोत का कहना है कि उसकी और साफिया की शादी एक दिन ही हुई थी। वह लगभग 18 और इतनी सुंदर थी, ..की नबी मौजूदगी में मुसलमानों ने उसकी प्रशंसा शुरू की और इसलिए नबी ने आज्ञा दी कि उसे उसके सामने लाया जाए। उसे देखते ही, मुहम्मद ने कहा, “किसी भी गुलाम लड़की को छोड़ दो उसे बंदियों से "और उसने उसे अपने लिए चुना। हदीस में दी गई जानकारी से, हम यथोचित निष्कर्ष दे सकते हैं कि सफिया के पास नहीं था इस शादी में पसंद। शादी तक उसे बंदी बना लिया गया, और जब मुहम्मद ने फैसला किया कि वह एक गुलाम-लड़की के बजाय एक पत्नी होगी,

    ==Mariyah==
    मारिया द कॉप्ट पैगंबर की पत्नियों की नौकरानियों में से एक थी। मुहम्मद ने उसके साथ बिना किसी के साथ सेक्स किया समारोह, जो उनकी पत्नियों के बीच हंगामा का कारण बना और अंत में "दिव्य हस्तक्षेप" द्वारा निपटाया गया। वक़ीदी ने हमें सूचित किया है कि अबू बक्र ने बताया कि अल्लाह के दूत ने संभोग किया था हाफसह के घर में मरिय्याह के साथ। जब दूत घर से बाहर आया, तो हाफसा गेट पर (बंद दरवाजे के पीछे) बैठे। उसने नबी से कहा, ऐ अल्लाह के रसूल, तुम हो मेरे घर में और मेरी बारी के दौरान ऐसा करते हैं? संदेशवाहक ने कहा, “अपने आप को नियंत्रित करो और मुझे जाने दो क्योंकि मैं उसे अपना हराम (निषिद्ध) बनाता हूँ। हाफ़्सा ने कहा, "जब तक आप शपथ नहीं लेते, मैं स्वीकार नहीं करता ..मुझे "। मुहम्मद ने कहा, "अल्लाह द्वारा मैं उससे फिर से संपर्क नहीं करूंगा।"

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    1. तूने इस कॉमेंट में बहुत सी चीजें गलत लिखी हैं जैसे पत्नियों के नाम ।
      निम्नलिखित औरतें उनकी पत्नियां नहीं थीं ।
      12. हिंद
      13. सना बिंट अस्मा '/ अल-नशत
      14. ज़ैनब बंट ख़ुजिमा
      15. Unknown women that have sex with muhammad but mentioned in kuran
      16. तलाकशुदा अस्मा का बिन्त नोमान
      17. तलाकशुदा मुल्लाह बिन दाउद
      18. तलाकशुदा अल-शानबा 'बिंट' अम्र
      19. तलाक-ए-आलियाह
      20. तलाकशुदा अमरा बिन्त यज़ीद
      21. तलाक एक औरत
      22. क़ुतुलाह बिंत क़ईस
      23. सना बिंट सूफियान
      24. शराफ बिन्त खलीफा
      उनके कुछ उपपत्नी / सेक्स-दास हैं: -
      25. मारिया द कॉप्ट ( ईसाई)
      26. रेहाना बंट ज़ैद
      27. उम्म शारिक / गज़ियाह बिन्ट जाबिर
      28. मैमुना
      29. ज़ैनब
      30. खावला बिन्त अल-हुदयाल

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    2. पैगम्बर-ए-इसलाम पे उंगलियाँ उठाने वालो ये भी पढ़ो..

      सीता की विवाह केवल ९वर्ष की आयू में हुई थी..

      ‘सीता जी की आयु 6 वर्ष थी‘, जो लोग बाल्मीकि रामायण को प्रमाण मानते हैं वे इस तथ्य को झुठला नहीं सकते।

      दुहिता जनकस्याहं मैथिलस्य महात्मनः।। 3 ।।
      सीता नाम्नास्मि भद्रं ते रामस्य महिषी प्रिया ।।
      ‘ब्रह्मन ! आपका भला हो। मैं मिथिलानरेश जनक की पुत्री और अवध नरेश श्री रामचन्द्र जी की प्यारी रानी हूं। मेरा नाम सीता है‘।। 3 ।।
      उषित्वा द्वादश समा इक्ष्वाकूणां निवेशने ।। 4 ।।
      भुन्जाना मानुषान् भोगान् सर्वकामसमृद्धिनी ।।
      ‘विवाह के बाद बारह वर्षों तक इक्ष्वाकुवंशी महाराज दशरथ के महल में रहकर मैंने अपने पति के साथ सभी मानवोचित भोग भोगे हैं। मैं वहां सदा मनोवांछित सुख-सुविधाओं से सम्पन्न रही हूं‘।। 4 ।।
      तत्र त्रयोदशे वर्षे राजातन्त्रयत प्रभुः।। 5 ।।
      अभिषेचयितुं रामं समेतो राजमन्त्रिभिः ।।
      ‘तेरहवें वर्ष के प्रारम्भ में सामर्थ्यशाली महाराज दशरथ ने राजमन्त्रियों से मिलकर सलाह की और श्रीरामचन्द्र जी का युवराज पद पर अभिषेक करने का निश्चय किया‘ ।। 5 ।।
      मम भर्ता महातेजा वयसा पञ्चविंशकः ।। 10 ।।
      अष्टादश हि वर्षाणि मम जन्मनि गण्यते ।।
      ‘उस समय मेरे महातेजस्वी पति की अवस्था पच्चीस साल से ऊपर की थी और मेरे जन्मकाल से लेकरवनगमनकाल तकमेरी अवस्था वर्ष गणना के अनुसारअठारह सालकी हो गयी थी ।। 10 ।।
      श्रीमद्बाल्मीकीय रामायणे, अरण्यकाण्डे, सप्तचत्वारिंशः सर्गः,पृष्ठ 598, सं. 2051 तेरहवां संस्करण,
      मूल्य पैंतालीस रूपये
      अनुवादक- साहित्याचार्य पाण्डेय पं. रामनारायण दत्त शास्त्री ‘राम‘
      प्रकाशक - गीता प्रेस , गोरखपुर,
      रामायण के मूल श्लोक और उनका अनुवादआपके सामने रख दिये गये हैं। आप खुद फ़ैसला कर सकते हैं। कवि ने क्यों सीता जी को विवाह के समय6 वर्षका दिखाना ज़रूरी समझा, इस विषय पर मैं अपना नज़रिया बाद में रखूंगा।
      दुख होता है यह देखकर कि
      जो लोग रामायण के ब्लॉग चला रहे हैं उन्हें भी सही तथ्य का ज्ञान नहीं है
      या फिर दूसरे लोगों को भ्रम में डाले रखने के लिए खुद को अनभिज्ञ दिखाते हैं।
      रामचन्द्र जी का असली चरित्र रमणीय और आदर्श ही होना चाहिये, ऐसा मेरा मानना है।बौद्धिक जागरण के इस काल में तर्क को परंपरा का हवाला देकर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। रामचन्द्र जी के चरित्र को सामने लाने के लिए देश की रामकथाओं के साथ साथ मलेशिया आदि विदेशों में प्रचलित रामकथाओं पर भी नज़र डालना ज़रूरी है। यदि ऐसा किया जाए तो सच भी सामने आएगा, रामकथा का व्यापक प्रभाव भी नज़र आएगा औरहो सकता है कि श्री रामचन्द्र जी का वास्तविकजन्म स्थानवर्तमान अयोध्या के अलावा कोई और जगह निकले,तब राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद भी स्वतः ही हल हो जाएगा। सच से मानवता का कल्याण होगा। सच कड़वा होता है तब भी इसे ग्रहण करना चाहिये क्योंकि सच हितकारी होता है, कल्याणकारी

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    3. कृष्ण : भगवान है या बलात्कारी..???

      दशरत राम यदि ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहलाता हैं
      तो वासुदेव नंदन कृष्ण ‘लीला पुरुषोत्तम’ अर्थात कृष्ण
      अपनी अनोखी लीलाओ के कारण जन सामान्य में अधिक लोकप्रिय रहे हैं.

      संभवत: कृष्ण का बचपन नंदगांव और गोकुल में गोपियों के बीच
      बीता. कृष्ण औरतो के मामले में शुरू से ही स्वतंत्र विचार के थे.
      पुराणों के अनुसार उनका मिजाज़ लड़कपन से ही आशिकाना मालूम होता हैं.
      गोपियों के साथ कृष्ण का यौन सम्बन्ध था इस विषय
      में लगभग सारा कृष्ण साहित्य एकमत हैं. इन गोपियों में विवाहित और
      कुमारी दोनों प्रकार की थी वे अपने पतियों, पिताओ और
      भाइयो के कहने
      पर भी नहीं रूकती थी:
      ‘ ता: वार्यमाणा: पतिभि:
      पितृभिभ्रातृभि स्तथा,
      कृष्ण
      गोपांगना रात्रौं रमयंती रतिप्रिया :’
      -विष्णुपुराण, 5, 13/59.
      अर्थात वे रतिप्रिय गोपियाँ अपने
      पतियों,
      पिताओं और भाइयो के रोकने पर भि रात में
      कृष्ण के
      साथ रमण करती थी.

      कृष्ण और गोपियों का अनुचित सम्बन्ध
      था यह बात
      भागवत में स्पष्ट रूप से मोजूद हैं,
      ईश्वर अथवा उस के अवतार माने जाने वाले
      कृष्ण का जन
      सामान्य के समक्ष अपने ही गाँव की बहु
      बेटियों के साथ सम्बन्ध रखना क्या आदर्श
      था ?

      कृष्ण ने गोपियों के साथ साथ ठंडी बालू
      वाले
      नदी पुलिन पर प्रवेश कर के रमण किया.
      वह स्थान
      कुमुद की चंचल और सुगन्धित वायु आनंददायक
      बन
      रहा था. बाहे फैलाना, आलिंगन करना,
      गोपियों के हाथ
      दबाना, बाल (चोटी) खींचना, जंघाओं पर
      हाथ फेरना,
      नीवी एवं स्तनों को चुन, गोपियों के नर्म
      अंगो नाखुनो से नोचना, तिर्चि निगाह से
      देखना,
      हंसीमजाक करना आदि क्रियाओं से
      गोपियों में
      कामवासना बढ़ाते हुए कृष्ण ने रमण किया.

      -श्रीमदभागवत महापुराण 10/29/45
      कृष्ण ने रात रात भर जाग कर अपने
      साथियो सहित
      अपने से अधिक अवस्था वाली और माता जैसे
      दिखने
      वाली गोपियों को भोगा.
      – आनंद रामायण, राज्य सर्ग 3/47
      कृष्ण के विषय में जो कुछ आगे पुरानो में
      लिखा हैं उसे
      लिखते हुए भी शर्म महसूस होती हैं
      की गोपियों के
      साथ उसने क्या-क्या किया इसलिए में निचे
      अब
      सिर्फ हवाले लिख रहा हूँ जहा कृष्ण ने
      गोपियों के
      यौन क्रियाये की हैं-

      – ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
      अध्याय
      28-6/18, 74, 75, 77, 85, 86, 105,
      109,110,
      134, 70.
      – ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
      115/86-88
      कृष्ण का सम्बन्ध अनेक नारियों से रहा हैं
      कृष्ण
      की विवाहिता पत्नियों की संख्या सोलह
      हज़ार एक
      सो आठ बताई जाती हैं. धार्मिक क्षेत्र में
      कृष्ण के साथ
      राधा का नाम ही अधिक प्रचलित हैं. कृष्ण
      की मूर्ति के साथ प्राय: सभी मंदिरों में
      राधा की मूर्ति हैं. लेकिन आखिर ये
      राधा थी कौन?
      ब्रह्मावैवर्त पुराण राधा कृष्ण
      की मामी बताई गयी हैं.
      इसी पुराण में राधा की उत्पत्ति कृष्ण के
      बाए अंग से
      बताई गयी हैं
      ‘कृष्ण के बायें भाग से एक कन्या उत्पन्न हुई.
      गुडवानो ने
      उसका नाम राधा रखा.

      – ब्रह्मावैवर्त पुराण, 5/25-26
      ‘उस राधा का विवाह रायाण नामक वैश्य
      के साथ कर
      दिया गया कृष्ण
      की जो माता यशोदा थी रायाण
      उनका सगा भाई था.

      – ब्रह्मावैवर्त पुराण, 49/39,41,49
      यदि राधा को कृष्ण के अंग से उत्पन्न माने
      तो वह
      उसकी पुत्री हुई . यदि यशोदा के नाते
      विचार करें
      तो वह कृष्ण की मामी हुई.
      दोनों ही दृष्टियो से
      राधा का कृष्ण के साथ प्रेम अनुचित था और
      कृष्ण ने
      अनेको बार राधा के साथ सम्भोग
      किया था ( ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
      खंड 4,
      अध्याय 15) और यहाँ तक विवाह भी कर
      लिया था (ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
      खंड 4,
      115/86-88).

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  3. बाइबिल में नियोग
    चूँकि इसाई मत वेदों के बहुत बाद स्थापित हुआ है अत इसमें भी परम्पराओं से चली आ रही नियोग प्रथा को अपना लिया था । परंतु विशुद्ध रूप नहीं, अनेकों त्रुटि साथ धारण कर ली ।

    तब यहूदा ने ओनान से कहा- अपनी भाई की बीवी के पास जा और उसके साथ द्वार का धर्म करके अपने भाई के लिए संतान जन्मा- उत्पत्ति पर्व 38/8

    जब कई भाई संग रहते हो और उनमें से एक निपुत्र मर जाये तो उसकी स्त्री का ब्याह पर गोत्री से न किया जाये-उसके पति का भाई उसके पास जाकर उसे अपनी स्त्री कर ले – व्यवस्था विवरण 25/5-10

    यदि देवर नियोग से इंकार करे तो भावज उसके मुह पर थूके और जूते उसके पाव से उतारे- व्यवस्था 25/2




    शंका 7. क्या इस्लाम में भी नियोग का विधान हैं ?

    इस्लाम में नियोग का विधान
    चूँकि इस्लाम वेदों के बहुत बाद स्थापित हुआ है अत इसमें भी परम्पराओं से चली आ रही प्रथा को अपना लिया था ।

    सूरत कलम रुकुअ 1

    वलीद घबराया और तलवार खीचकर अपनी माँ से कहा- सच बता की मैं किसका बीटा हूँ? माँ ने कहाँ-तेरा बाप नामर्द था, और तेरे चचेरे भाई की आंखे हमारी जायदाद पर लगी हुई थी। मैंने अपने गुलाम से बदफैली (नियोग ) कराई और तू पैदा हुआ । – तफसीर मूज सु 59 और गजिन मतीन सूरत 45

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  4. कृष्ण : भगवान है या बलात्कारी..???

    दशरत राम यदि ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहलाता हैं
    तो वासुदेव नंदन कृष्ण ‘लीला पुरुषोत्तम’ अर्थात कृष्ण
    अपनी अनोखी लीलाओ के कारण जन सामान्य में अधिक लोकप्रिय रहे हैं.

    संभवत: कृष्ण का बचपन नंदगांव और गोकुल में गोपियों के बीच
    बीता. कृष्ण औरतो के मामले में शुरू से ही स्वतंत्र विचार के थे.
    पुराणों के अनुसार उनका मिजाज़ लड़कपन से ही आशिकाना मालूम होता हैं.
    गोपियों के साथ कृष्ण का यौन सम्बन्ध था इस विषय
    में लगभग सारा कृष्ण साहित्य एकमत हैं. इन गोपियों में विवाहित और
    कुमारी दोनों प्रकार की थी वे अपने पतियों, पिताओ और
    भाइयो के कहने
    पर भी नहीं रूकती थी:
    ‘ ता: वार्यमाणा: पतिभि:
    पितृभिभ्रातृभि स्तथा,
    कृष्ण
    गोपांगना रात्रौं रमयंती रतिप्रिया :’
    -विष्णुपुराण, 5, 13/59.
    अर्थात वे रतिप्रिय गोपियाँ अपने
    पतियों,
    पिताओं और भाइयो के रोकने पर भि रात में
    कृष्ण के
    साथ रमण करती थी.

    कृष्ण और गोपियों का अनुचित सम्बन्ध
    था यह बात
    भागवत में स्पष्ट रूप से मोजूद हैं,
    ईश्वर अथवा उस के अवतार माने जाने वाले
    कृष्ण का जन
    सामान्य के समक्ष अपने ही गाँव की बहु
    बेटियों के साथ सम्बन्ध रखना क्या आदर्श
    था ?

    कृष्ण ने गोपियों के साथ साथ ठंडी बालू
    वाले
    नदी पुलिन पर प्रवेश कर के रमण किया.
    वह स्थान
    कुमुद की चंचल और सुगन्धित वायु आनंददायक
    बन
    रहा था. बाहे फैलाना, आलिंगन करना,
    गोपियों के हाथ
    दबाना, बाल (चोटी) खींचना, जंघाओं पर
    हाथ फेरना,
    नीवी एवं स्तनों को चुन, गोपियों के नर्म
    अंगो नाखुनो से नोचना, तिर्चि निगाह से
    देखना,
    हंसीमजाक करना आदि क्रियाओं से
    गोपियों में
    कामवासना बढ़ाते हुए कृष्ण ने रमण किया.

    -श्रीमदभागवत महापुराण 10/29/45
    कृष्ण ने रात रात भर जाग कर अपने
    साथियो सहित
    अपने से अधिक अवस्था वाली और माता जैसे
    दिखने
    वाली गोपियों को भोगा.
    – आनंद रामायण, राज्य सर्ग 3/47
    कृष्ण के विषय में जो कुछ आगे पुरानो में
    लिखा हैं उसे
    लिखते हुए भी शर्म महसूस होती हैं
    की गोपियों के
    साथ उसने क्या-क्या किया इसलिए में निचे
    अब
    सिर्फ हवाले लिख रहा हूँ जहा कृष्ण ने
    गोपियों के
    यौन क्रियाये की हैं-

    – ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
    अध्याय
    28-6/18, 74, 75, 77, 85, 86, 105,
    109,110,
    134, 70.
    – ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म खंड 4,
    115/86-88
    कृष्ण का सम्बन्ध अनेक नारियों से रहा हैं
    कृष्ण
    की विवाहिता पत्नियों की संख्या सोलह
    हज़ार एक
    सो आठ बताई जाती हैं. धार्मिक क्षेत्र में
    कृष्ण के साथ
    राधा का नाम ही अधिक प्रचलित हैं. कृष्ण
    की मूर्ति के साथ प्राय: सभी मंदिरों में
    राधा की मूर्ति हैं. लेकिन आखिर ये
    राधा थी कौन?
    ब्रह्मावैवर्त पुराण राधा कृष्ण
    की मामी बताई गयी हैं.
    इसी पुराण में राधा की उत्पत्ति कृष्ण के
    बाए अंग से
    बताई गयी हैं
    ‘कृष्ण के बायें भाग से एक कन्या उत्पन्न हुई.
    गुडवानो ने
    उसका नाम राधा रखा.

    – ब्रह्मावैवर्त पुराण, 5/25-26
    ‘उस राधा का विवाह रायाण नामक वैश्य
    के साथ कर
    दिया गया कृष्ण
    की जो माता यशोदा थी रायाण
    उनका सगा भाई था.

    – ब्रह्मावैवर्त पुराण, 49/39,41,49
    यदि राधा को कृष्ण के अंग से उत्पन्न माने
    तो वह
    उसकी पुत्री हुई . यदि यशोदा के नाते
    विचार करें
    तो वह कृष्ण की मामी हुई.
    दोनों ही दृष्टियो से
    राधा का कृष्ण के साथ प्रेम अनुचित था और
    कृष्ण ने
    अनेको बार राधा के साथ सम्भोग
    किया था ( ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
    खंड 4,
    अध्याय 15) और यहाँ तक विवाह भी कर
    लिया था (ब्रह्मावैवर्त पुराण, कृष्णजन्म
    खंड 4,
    115/86-88).

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