Monday 29 August 2016

झूठ का पलीता

झूट की पूप्लीला 😂

ऋग्वेद 5.40.5 " o sun u r blocked by the one whom you gifted your own light..." Tr. Manish Baklol

Response: पहली बात आर्य समाज कमेंटरी में ऐसा कुछ भी नही लिखा है।। चेक हियर http://www.onlineved.com/rig-ved/?language=1&mandal=5&sukt=40&mantra=5 ।। तो ये खुद के भाष्य से क्या साबित करना चाह रहे?

2श्री बात अगर मान भी लें आप के भाष्य को तो इसमें इतनी बड़ी गलती है।।
"सूर्य ने अपनी लाइट #गिफ्ट करी"
Gift का मतलब के लाइट अब हमेशा के लिए चाँद की हो गयी।। मतलब की सूरज के पास लाइट है ही नहीं।। आप सब किसी को कुछ गिफ्ट देने का मतलब समझ सकते हैं।।

3श्री बात अगर आर्य के ट्रांसलेशन छोड़ के किसी और का पढ़ते हैं तो पता लगता है कि ये एक्लिप्स एक राक्षस को सूरज के खा जाने से होता है।।

आर्य कैसे ज़बरदस्ती साइंस निकलते हैं आगे देंखो।।
ऋग्वेद 10.85.9 में सूरज और चाँद की शादी की बात है और ये आर्य क्या बक रहा 😂😂 ।। चेक करें http://www.onlineved.com/rig-ved/?language=2&mandal=10&sukt=85&mantra=9

अब इन सब बातों से प्रूफ होता है कि आर्य झूट पे ज़िंदा हैं।। झूट बोलना इनकी फितरत में शामिल है। ऋग्वेद 1.84.15 में सिर्फ दयानंद जी ने गपोड़ी गिरी दिखाते हुए साइंस निकाली है।। बाकी भाष्य कर तो साइंस के आस पास भी नहीं हैं।।

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