Sunday 28 August 2016

वैदिक काल में पिता-पुत्री संबंध उचित माने जाते थे

हिदुइजम धर्म या कलंक दे सौजन्य से :- 
वैदिक समाज में मादक द्रव्यों व नशों का प्रयोग,व्यसन, जुआ, जादू-टोना, अनैतिकताएं, अन्धविश्वास और मूर्खतापूर्ण रूढ़ियाँ व्यापक थीं. बौद्धकाल पूर्व के आर्यों में लैंगिक (sexual ) अथवा विवाह-संबंधों के प्रति कोई प्रतिबन्ध नहीं  था. वैदिक समाज में पिता-पुत्री और बाबा-पोती में मैथुन समंध उचित माने जाते थे. वसिष्ठ ने अपनी पुत्री शतरूपा से विवाह रचाया, मनु ने अपनी पुत्री इला से विवाह किया, जहानु ने अपनी बेटी जहान्वी से शादी की, सूर्य ने अपनी बेटी उषा से ब्याह किया । धहप्रचेतनी और  उस के पुत्र सोम दोनों ने सोम की बेटी मारिषा से संभोग किया. दक्ष ने अपनी बेटी अपने ही पिता ब्रह्मा को विवाह में दी और इन वैवाहिक-संबंधों से नारद का जन्म हुआ. दोहित्र ने अपनी २७ पुत्रियों को अपने ही पिता सोम को संतान-उत्पत्ति के लिए सौंपा.
आर्य खुले आम सब के सामने मैथुन करते थे. ऋषि कुछ धार्मिक रीतियाँ करते थे जिन्हें वामदेव-विरत कहा जाता था. ये रीतियाँ यज्ञ-भूमि पर ही की जाती थी. यदि कोई स्त्री पुरोहित के सामने सम्भोग करने की इच्छा प्रकट करती थी तो वह उसके साथ वहीँ सब के सामने मैथुन करता था. उदाहरांत: पराशर ने सत्यवती और धिर्घत्मा के साथ (यज्ञ-स्थल ही पर) सम्भोग किया." आर्यों में योनि नामक एक प्रथा प्रचलित थी.योनि शब्द का जैसा अर्थ अब लगाया जाता है वैसा शुरू में नहीं था शब्द योनि का मूलत: अर्थ है -  घर. अयोनी का अर्थ है ऐसा गर्भ जो घर के बाहर ठहराया गया हो. अयोनी-प्रथा में कोई बुराई नहीं मानी जाती थी. सीता और द्रोपदी दोनों का जन्म अयोनि (यानी घर से बाहर) हुआ था."
आर्यों में औरत को भाड़े (किराये) पर दिया जाता था. माधवी की कहानी इस का एक स्पष्ट प्रमाण है. राजा ययाति ने अपनी बेटी माधवी को अपने गुरु गालव को भेंट में दे दिया. गालव ने माधवी को तीन राजाओं को भाड़े पर दिया. इस के पश्चात गालव ने माधवी का विवाह विश्वामित्र से कर दिया वह विश्वामित्र के पास उस समय तक रही जब तक उस ने एक पुत्र को जन्म नहीं दिया, यह सब कुछ होने के बाद गालव ने माधवी को वापिस लेकर उसे उसके पिता को लौटा किया."
शब्द कन्या का अर्थ भी वह अर्थ नहीं जो अब लगाया जाता है. वैदिक काल में कन्या का अर्थ था वह लड़की जो किसी भी पुरुष के साथ सम्भोग करने में स्वतन्त्र है. कुंती और मत्स्यगंधा के उदाहरण से यह स्पष्ट है. कुंती का पांडू के साथ विवाह होने से पूर्व उसके कई बच्चे पैदा हुए. मत्स्यगंधा ने भीष्म के पिता शांतनु के साथ विवाह करने से पूर्व मुनि पराशर से सम्भोग किया. आर्य बढ़िया संतान पैदा करवाने के लिए अपनी औरतों को देव नामक एक वर्ग को सौंपते थे. सप्तपदी की प्रथा का भी इसी रीति से आरम्भ हुआ. विवाह मंडप में जो वधू पवित्र अग्नि के इर्दगिर्द सात चक्कर काट देती थी, उसे देव से मुक्त करार दे दिया जाता था और ऐसा होने पर वर उसे ले जा सकता था.
आर्य पशुओं से भी सम्भोग करते थे. दाम ने हिरनी से और सूर्य ने घोड़ी से सम्भोग किया. अश्वमेध यज्ञ में औरत का मृत घोड़े से सम्भोग कराया जाता था."(देखें, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित, डॉ.बाबासाहब आंबेडकर राइटिंग्स एंड स्पीचेज़ खंड ३ के पृष्ठ १५३-१५७) स्वामी दयानंद ने, यजुर्वेद भाष्य (पृष्ठ ७८८) में लिखा है: अश्विम्याँ छागेन सरस्वत्यै मेशेगेन्द्रय ऋषमें (यजुर्वेद २१/६०) अर्थात: प्राण और अपान के लिए दु:ख विनाश करने वाले छेरी आदि पशु से, वाणी के लिए मेढ़ा से, परम ऐश्वर्य के लिए बैल से-भोग करें. वेदों में दर्ज कुछ और नमूने अश्लील नमूने :-वेदों में दर्ज कुछ और नमूने अश्लील नमूने :-इन्द्राणी कहती है :- न सेशे .................उत्तर: (ऋगवेद १०.८६.१६)  अर्थ :- हे इन्द्र, वह मनुष्य सम्भोग करने में समर्थ नहीं हो सकता, जिसका पुरुषांग (लिंग) दोनों जंघाओं के बीच लम्बायमान है वही समर्थ हो सकता है, जिस के बैठने पर रोमयुक्त पुरुषांग बल का प्रकाश करता है अर्थात इन्द्र सब से श्रेष्ठ है. इस पर इन्द्र कहता है. न सेशे...........उत्तर. (ऋग्वेद १०-८६-१७)अर्थ :- वह मनुष्य सम्भोग करने में समर्थ नहीं हो सकता, जिसके बैठने पर रोम-युक्त पुरुषांग बल का प्रकाश करता है. वही समर्थ हो सकता है, जिसका पुरुषांग दोनों जंघाओं के बीच लंबायमान है। न मत्स्त्री.............................उत्तर:(ऋग्वेद १०-८६-६)अर्थ :- मुझ से बढ़कर कोई स्त्री सौभाग्यवती नहीं है. मुझ से बढ़कर कोई भी स्त्री पुरुष के पास शरीर को प्रफुल्लित नहीं कर सकती और न मेरे समान कोई दूसरी स्त्री सम्भोग के दौरान दोनों जाँघों को उठा सकती है. ताम.........................शेमम. (ऋग्वेद १०-८५-३७) अर्थ :- हे पूषा देवता, जिस नारी के गर्भ में पुरुष बीज बोता है, उसे तुम कल्याणी बनाकर भेजो, काम के वश में होकर वह अपनी दोनों जंघाओं को फैलाएगी और हम कामवश उसमें अपने लिंग से प्रहार करेंगे.
(वैधानिक चेतावनी :- आप सभी से प्रार्थना है की इस ब्लॉग में लिखे की घर में आजमाइश न करें तो अच्छा है वर्ना कुछ भी हो सकता है.इसे वेदों तक ही सिमित रहने दें फिर भी अगर कोई करता है उसका होस्लेवाला जिम्मेदार नहीं होगा. आजकल छोटी-छोटी बातों की वजह से नौबत तलाक तक पहुंच जाती है ये तो फिर बहुत ही बड़ी बात है.बाकी वेदों में दर्ज इस अश्लीलता के बारे में अवश्य लिखें लेकिन वेदों को पढ़ने के बाद। बिना पढ़े यह न कह दें कि ये सारी बातें मनगढ़ंत हैं

7 comments:

  1. 1-हदीस की प्रेरणा औरतों की फूहड़ बातें
    चूँकि इस्लाम में औरतों के लिए पढ़ना , गाना बजाना , बाहर जाना , और किसी प्रकार के मनोरंजन पर पाबन्दी है . इसलिए वह अपना दिल बहलाने के लिए घर में ही कोई रास्ता निकाल लेती थी. ऐसा ही मुहम्मद साहब की सबसे छोटी पत्नी आयशा भी करती थी . वह अडौस पडौस की फालतू औरतों को घर में बुला लेती थी .और सब मिल कर हर तरह की बातें करते थे . कई बार औरतें बेशर्म होकर अश्लील और फूहड़ बातें भी करती थी . वैसे तो मुहम्मद साहब औरतों पर पाबन्दी लगाने की बात करते थे , लेकिन जब आयशा के साथ उनकी पत्नियाँ और पडौस की औरतें निर्लज्ज होकर उन्ही के सामने अश्लील बातें करती थीं ,तो मुहम्मद साहब आनंद विभोर हो जाते थे .और उनकी अश्लील बातों प्रभावित हो कर जो भी कह देते थे .उसको भी हदीस समझ लिया जाता था .,ऐसी ही एक बेशर्म औरत की हदीस देखिये -
    2-उम्मे जारा की नंगी हदीस
    अरबी में फूहड़ को Slutty ,وقحة और निर्लज्ज को صفيق ,shameless कहा जाता है .इस हदीस को उम्मे जरा की हदीस कहा जाता है .और यह हदीस इसलिए महत्वपूर्ण है कि इस हदीस में द्विअर्थी ( Double Meanings ) शब्दों का प्रयोग किया गया है . और इस से मुहम्मद साहब चारित्रिक स्तर का सही पता चलता है .पूरी हदीस इस प्रकार है ,
    " आयशा ने कहा कि अक्सर मुझ से मिलने के लिए पडौस की औरतें आया करती थी . एक बार मी अपने घर ग्यारह औरतों को बुलवाया , और उन से कहा कि वह अपने पतियों के बारे में और उनके साथ दाम्पत्य संबंधों की सभी बातें बिना शर्म के खुल कर बताएं .जिस को सुन कर रसूल थोड़े में ही सारी बात समझ जाएँ .और अपना निर्णय सबको बता सकें .
    1 . पहली औरत - बोली मेरा पति एक ऐसे ऊंट कि तरह है , लगता है उस पर मांस का थैला लदा हो . जो देखने में तो अच्छा लगता है , लेकिन ऊपर नहीं चढ़ सकता .
    2 . दूसरी औरत - बोली मेरा पति इतना ख़राब है कि उसका वर्णन नहीं कर सकती , उसके आगे और पीछे की सभी चीजें किसी भी तरह नहीं छुप सकती है .
    3 .तीसरी औरत - ने कहा , मेरा पति भोंदू है ,वह मुझे ठीक से संतुष्ट नहीं कर पाता,यदि मैं टोकती हूँ तो तलाक की बात करता है . और चुप रहती हूँ तो मेरे चरित्र पर शक करता है .क्योंकि उसे अपनी औरत को खुश करना नहीं आता है .
    4 . चौथी औरत -बोली , मेरा पति मक्का की सर्द रात की तरह ठंडा है .इसलिए न तो मुझे उस से कोई डर है और न मैं उसकी परवाह करती हूँ .
    5 .पांचवीं औरत - ने बताया , मेरा पति बाहर तो चीता बना रहता है , और घर आते ही मुझ पर शेर की तरह हमला कर देता है . लेकिन जरा सी देर में ठंडा हो जाता है .और जैसे ही मैं उसको जाने को कहती हूँ फ़ौरन भाग जाता है .
    6 . छठवीं औरत - बोली , मेरा पति भुक्खड़ है . उसे सिर्फ खाने से मतलब रहता है . वह खाने की कोई चीज नहीं छोड़ता . और खाते ही चादर ओढ़ कर सो जाता है .लेकिन मेरे शरीर को हाथ भी नहीं लगाता. यही मेरी परेशानी है .
    7 . सातवीं औरत . ने बताया , देखने में तो मेरा पति काफी उत्साही लगाता है , लेकिन वह नामर्द है . फिर भी मुझे गर्भवती करने के लिए असभ्य तरीके अपना कर मुझे दौनों तरफ से इस्तेमाल करता है . जिस से मेरा शरीर घायल हो जाता है .
    8 .आठवीं औरत -बोली मेरा पति एक फल की तरह है . जिसकी सिर्फ सुगंध ही अच्छी लगती है . लेकिन उसे जहाँ से भी टटोल कर दबाओ वह नर्म और पिलपिला प्रतीत होता है .
    9 . नौवीं औरत . ने कहा . मेरा पति ऐसी बुलंद ईमारत की तरह है , जिसके अन्दर राख भरी हो .और मेरा छोटा सा घर अन्दर से मजबूत है . फिर भी मेरा पति घर के सामने ही बैठ जाता है . कभी अन्दर नहीं घुसता .

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    1. 😂😂😂😂 कहा लिखा है वराह पुत्र ऐसा 😅😅😅

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  2. माँ के साथ सम्भोग जायज है
    (Permissibility of Having Sex with One's Mother)

    फतवा गाजी खान में उन बातों के बारे में कहा गया है जो हराम है .और जिन बातों के लिए इस्लामी कानून में किसी भी सजा का प्रावधान नहीं है वह इस प्रकार हैं ,अपनी पत्नी की बहिन से शादी करना ,अपनी माँ से शादी करना ,या ऐसी औरत से शादी करना जो पहले से ही विवाहिता हो .यह सब इस्लाम के अनुसार हलाल हैं
    .
    "من الأشياء التي هي حرام ولكن لا يوجد له أي عقوبة الإسلامية، وتشمل هذه... تزوجت شقيقة الزوجة، أو أمها ، أو امرأة متزوجة بالفعل"
    Of things which are haram but for which there is no Islamic penalty, these include… marrying your wife's sister, or her mother, or a woman who is already married.

    Fatawa Qadhi Khan, Volume 4, Page 820

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    1. 😂😂😂😂 Kuch bhi 😅😅😅

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  3. वेश्यावृति हलाल है
    (The Permissibility to pay a woman for sex)

    दुर्र अल मुख़्तार में लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति सूचित कटा है कि मैं पैसे देकर किसी औरत के साथ सम्भोग करता हूँ तो ,इस्लामी कानून के अनुसार उसका यह काम दंडनीय नहीं हो सकता है .

    لو أن رجلا يبلغ امرأة انه دفع لها لممارسة الجنس ثم انه لا يمكن أن تخضع لأية طريقة عقوبة الإسلامية ".

    " if a man informs a woman that he is paying her for sex then he cannot be subject to any manner of Islamic penalty."

    Dur al-Mukhtar, Volume 2, Page 474

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  4. सहबियों की नजर मुहम्मद की पत्नी पर
    वैसे तो मुसलमान मुहम्मद के सहबियों को भी अपना आदर्श मानते हैं .लेकिन वह सब चरित्रहीन थे .इसका प्रमाण इस हदीस से मिलता है .
    कतदा ने कहा कि एक सहाबी ने कहा ",अगर रसूल मर जाये तो मैं उसकी पत्नी आयशा से शादी कर लूँगा "इसके बाद कुरान में यह आयत लिखी गयी थी "कि रसूल की पत्नियाँ तुम्हारे लिए माता के समान हैं "

    "وقال قتادة : "قال رجل :" إذا كان رسول الله (ق) توفي، وأنا أرغب في الزواج "عائشة. وكشفت بالتالي الله '{ولا هو حق لكم ان كنتم ينبغي يؤذون رسول الله}' ثم كشفت '{وأزواجه أمهاتهم}.

    Qatada said: ‘A man said: ‘If Allah's messenger (s) died, I would marry Ayesha’. Hence Allah revealed ‘{ Nor is it right for you that ye should annoy Allah's Messenger}’ then revealed ‘{ and his wives are their mothers sura ahzab 33:6}’.
    "وَأَزْوَاجُهُ أُمَّهَاتُهُمْ " 33:6
    कुरान की इस आयत की व्याख्या में "अस्यार अल तफ़सीर أيسر التفاسير لكلام العلي الكبير"में लिखा है कि जब रसूल बीमार थे तो "तल्हाطلحة بن عبيدالله‎" ने कहा अगर हम मर जाते हैं तो रसूल हमारे चाचा की बेटियों से शादी कर लेता है .लेकिन हमें अपने चाचा की लड़की से शादी करने से रोकता है "(आयशा तल्हा की चचेरी बहिन लगती थी )
    Aysar al-Tafasir, Volume 4 page 1422:

    this verse descended in honour of Talha who expressed his intention of marrying Ayesha in the eventuality of Rasulullah (s) dying".
    Talha said, "Muhammad refrains us from marrying our cousin's, and yet marries our women when we die, after his death we shall marry his wives' after this, the verse descended "You cannot marry the wives of Rasulullah"لا يمكنك الزواج من زوجات رسول الله"." तुम रसूल की पत्नी से शादी नहीं कर सकते "( तल्हा बिन उबैदुल्लाह अबू बकर का cousin था .उस से मुहम्मद ने यह कहा था .
    Tafseer Ibn Katheer Volume 6 page 506 commentary of Surah Azhab,33:6

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