Monday 29 August 2016

लड़कियों में हैं कोई कमी तो शादी न करें

कई अरब लड़के-लड़कियों का विवाह असंभव बनाते वैदिक नियम

   ‘किससे विवाह नहीं करना चाहिए ?’ यह बताते हुए स्वामी जी मनु स्मृति के श्लोक उद्धृत करते हुए सत्यार्थ प्रकाश, चतुर्थसमल्लास में कहते
हैं कि


महान्त्यपि समृद्धानि गोऽजाविधनधान्यतः।
स्त्रीसम्बन्धे दशैतानि कुलानि परिवर्जयेत्।।
1।।मनु.।।

चाहे कितने ही धन, धान्य, गाय, अजा, हाथी, घोड़े, राज्य, श्री आदि से समृद्ध ये कुल हों तो भी विवाह सम्बंध में निम्नलिखित दश कुलों का त्याग कर दे।

हीनक्रियं निष्पुरुषं निश्छन्दो रोमशार्शसम्।
1।।
क्षय्यामयाव्यपस्मारिश्वित्रिकुष्ठिकुलानि
च।।2।।मनु.।।
जो कुल सत्क्रिया से हीन, सत्पुरूषों से रहित, वेदाध्ययन से विमुख, शरीर पर बड़े लोम, अथवा बवासीर, क्षयी, दमा, खांसी, आमाशय, मिरगी, श्वेतकुष्ठ और गलितकुष्ठ कुलों की कन्या वा
वर के साथ विवाह न होना चाहिए, क्योंकि ये सब दुर्गुण और रोग विवाह करने वाले के कुल में भी प्रविष्ट हो जाते हैं। इसलिए उत्तम कुल के लड़के और लड़कियों का आपस में विवाह होना
चाहिए।

2।।
नोद्वहेत्कपिलां कन्यां नाऽधिकांगी न रोगिणीम्।
नालोमिकां नातिलोमां न वाचाटान्न पिंगलाम्।।
3।।मनु.।।

न पीले वर्ण वाली, न अधिकांगी अर्थात् पुरुष से लम्बी चैड़ी अधिक बलवाली, न रोगयुक्ता, न लोमरहित, न बहुत लोमवाली, न बकवाद करनेहारी और न भूरे नेत्रवाली।।3।।

नक्र्षवृक्षनदीनाम्नीं नान्त्यपर्वतनामिकाम्।
न पक्ष्यहिप्रेष्यनाम्नीं न च भीषणनामिकाम्।।
4।।मनु.।।
न ऋक्ष अर्थात अश्विनी, भरणी, रोहिणीदेई, रेवतीबाई, चित्तारी, आदि नक्षत्र नामवाली; तुलसिया, गेंदा, गुलाब, चम्पा, चमेली आदि वृक्ष
नामवाली; विन्ध्या, हिमालया, पार्वती आदि पर्वत नामवाली; कोकिला, मैना आदि पक्षी नामवाली; नागी, भुजंगा आदि सर्प नामवाली; माधोदासी, मीरादासी आदि प्रेष्य नामवाली कन्या के साथ विवाह न करना चाहिए क्योंकि ये
नाम कुत्सित और अन्य पदार्थों के भी हैं।।

(1)कौन सा घर ऐसा है जिसमें कोई पेट का मरीज़ न हो?
(2) पीले रंग वाली या भूरे रंग की आँख वाली लड़की या लड़के का क्या क़ुसूर है कि उसका घर न बसने दिया जाए?
(3) गुलाब, चम्पा, चमेली या पार्वती नाम में ऐसी क्या बुराई है कि इन नामों वाली लड़कियों से विवाह करने पर पाबंदी लगा दी जाए या उनसे विवाह करना अच्छा न समझा जाए?
(4) स्वामी जी ने लड़कियों के तो इतने सारे नाम और लक्षण बता दिये लेकिन लड़के का एक भी न बताया, क्या इसे लड़कियों के साथ पक्षपात न समझा जाए?
(5) अगर मनु स्मृति के इस निषेध या परामर्श को मान लिया जाए तो दुनिया के कई अरब लड़के-लड़कियों का विवाह असंभव हो जाता है। ये अरबों लड़के-लड़की अपनी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक ज़रूरत कैसे पूरा करें?, स्वामी जी ने इसका कोई उपाय भी नहीं बताया।

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